Tuesday, March 24, 2009

गोबर नम्बर एक

दीपा मेहता एक बार फिर हाजिर है एक और तत्त्व को अपमानित करने के लिए। इस दुष्ट के लिए तो मेरे पास शब्द नही है। पृथ्वी, जल, अग्नि ये पञ्च महाभूत सिर्फ़ पवित्र ही नही बल्कि पूजनीय है। कहने को तो हिदुत्व के नाम पर लड़ने को शिवसेना , बजरंग दल लाठियाँ भांजते रहते है। परन्तु ये सब छलावा सिर्फ़ वोट पाने के लिए है। पृथ्वी तत्व जिसे हम माँ कहते हैं, इस पापीं के हाथो दुबारा अपमानित होने जा रहा है। किंतु क्या इसके लिए कोई इसे अदालत तक घसीटेंगा? आख़िर किसने दिया इसे एक एक कर पंच्तात्वो को अपमानित करने का अधिकार। स्लमडाग बनाने वाले का भारत से कोई सम्बन्ध नही था। और इस कैनेडियन के लिए भी भारत माता या हिंदू धर्मं का कोई अर्थ नही है। इन्हे ये अच्छी तरह से पता है की भारत की बुराई विदेशियों को बहुत रास आती है। बार बार सर्वेक्षणों में हिंदुस्तान को सबसे प्रसन्न राष्ट्रों में गिना जाता है, यदि हिंदुस्तान में महिलाओ के लिए सिर्फ़ अपमान का ही व्यवहार है, तो हिन्दुस्तानी परिवार टिके कैसे हैं, आधुनिकता के बिच भी हमारे परिवारिक मूल्यों में कोई कमी नही आई है। आपकी फिल्मो में जो नारी शोषण दिखाया गया है, उससे भी ज्यादा शोषण विदेशो में होता है। फ्रित्सल का उदाहरण सबके सामने है, इससे कोई पूछे की क्या आप बनायेंगी ऐसे घिनोने पिता पर फिल्म? वास्तव में आप ऐसा नही करेंगी क्योंकि अपनी जन्मभूमि और उसकी संस्कृति का बलात्कार करने वाली होने के बाद आपसे तो फ्रित्सल के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ सहानुभूति ही अपेक्षित है।

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